
Word of the day अद्यतनीयं क्रियापदम् – स्कुनोति #धातुरूप #SanskritVerb #LaernSanskrit
आज का क्रिया पद है स्कुनोति । जो कि स्कु धातु लट् लकार प्रथम पुरुष का रूप है। इस धातु का प्रयोग कूदने के अर्थ में होता है। इस क्रियापद …
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आज का क्रिया पद है स्कुनोति । जो कि स्कु धातु लट् लकार प्रथम पुरुष का रूप है। इस धातु का प्रयोग कूदने के अर्थ में होता है। इस क्रियापद …
Read Moreआज का क्रिया पद है विन्दति । जो कि विद् धातु लट् लकार प्रथम पुरुष का रूप है। इस धातु का प्रयोग पाने या प्राप्त करने के अर्थ में …
Read Moreआज का क्रियापद Verb of the day -नयति है जो णीञ् (प्रापणे) धातु लट् लकार प्र.पु.एकवचन का रूप है । जिसके रूप परस्मैपद तथा आत्मनेपद दोनों में चलते हैं आज का …
Read Moreआज का क्रियापद (घ्रा (गन्धोपादाने) धातु लट् लकार प्र.पु.एकवचन )का रूप है । जिसके रूप इस प्रकार चलते हैं एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् प्रथम पुरुष जिघ्रति जिघ्रतः जिघ्रन्ति मध्यम पुरुष …
Read Moreआज का क्रियापद प्र उपसर्ग पूर्वक उक्ष् (सेचने) धातु लट् लकार प्र.पु.एकवचन का रूप है । जिसके रूप इस प्रकार चलते हैं एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम् प्रथम पुरुष प्रोक्षति …
Read Moreआज का क्रियापद गण धातु से सम्बंधित है और लट् लकार प्रथम पुरुष एक वचन का का रूप है । जिसके रूप इस प्रकार चलते हैं एकवचनम् …
Read Moreश्लोक -वाचन भावार्थ साहित्य (गद्य,पद्य, नाटक आदि साहित्य) सङ्गीत (संगीत) कला (कौशल) विहीनः (बिना) साक्षात्पशुः (प्रत्यक्ष जानवर) पुच्छ (पूँछ) विषाण (सींग) हीनः (बिना)। तृणं (तिनका/ घास) न खादन्नपि (न खाते …
Read Moreशिवराजविजय संक्षिप्त परिचय शिवराज विजय के ग्रंथकार पंडित अंबिकादत्त व्यास है। जिनका संक्षिप्त जीवन परिचय बिहारी–बिहार में उद्धृत है। उनका जन्म राजस्थान के राजावती का धुला गांव में चैत्र शुक्ल …
Read Moreउपनिषद – भाग-2 उपनिषदकाल के पूर्व : वैदिक युग वैदिक युग सांसारिक आनंद एवं उपभोग का युग था। मानव मन की निश्चिंतता, पवित्रता, भावुकता, भोलेपन व निष्पापता का युग था। …
Read Moreउपनिषद – भाग-१ उपनिषद् हिन्दू धर्म के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं। ये वैदिक वाङ्मय के अभिन्न भाग हैं। इनमें परमेश्वर, परमात्मा-ब्रह्म और आत्मा के स्वभाव और सम्बन्ध का बहुत ही दार्शनिक …
Read Moreपाण्डुलिपि पाण्डुलिपि या मातृकाग्रन्थ एक हस्तलिखित ग्रन्थविशेष है । इसको हस्तप्रति, लिपिग्रन्थ इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। आङ्ग्ल भाषा में यह Manuscript शब्द से प्रसिद्ध है इन …
Read Moreनासदीय सूक्त नासदीय सूक्त ऋग्वेद के दशवें मण्डल का 129वां सूक्त है इसके मंत्र दृष्टा ऋषि परमेष्ठी प्रजापति हैं और देवता परमात्मा हैं यह सूक्त एक दार्शनिक सूक्त है सृष्टि के …
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